बिहार बोर्ड ने त्रुटियों पर रोक लगाने के लिए ऑनलाइन पद्धति अपनाई है। इससे पहले ऑफलाइन परीक्षा फॉर्म भराया जाता था, जिससे जिलों से लाखों फॉर्म बोर्ड पहुंचते थे। उसके बाद उनकी कंप्यूटर में इंट्री होती थी, जिससे बड़े पैमाने पर त्रुटियां रह जाती थीं। नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि में त्रुटि को ठीक कराने के लिए बाद में परीक्षार्थियों को बोर्ड का चक्कर लगाना पड़ता था, जो अब नहीं होगा।
अब संबंधित स्कूल सभी परीक्षार्थियों की सही जानकारी, समिति को सारे पहलुओं की जांच के उपरांत उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा विद्यालय को यह प्रमाणपत्र देना होगा कि परीक्षार्थी के संबंध में उपलब्ध कराई गई जानकारी सही है तथा संबंधित विद्यार्थियों से भी इसका सत्यापन करा लिया गया है।
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