Bihar Board Exam: सुबह 6 बजे बच्चे को दिया जन्म, 9 बजे पेपर देने पहुंच गई 'पावरफुल मां'


Bihar Board Exam : कहते हैं कि भारतीय मां में बड़ी शक्ति होती है. यह शक्ति बिहार के बांका जिले में देखने को मिली है, जहां एक महिला बच्चे को जन्म देने की पीड़ादायक प्रक्रिया से गुजरकर मां बनने की खुशी पाने के महज 3 घंटे बाद बिहार बोर्ड एग्जाम (Bihar Board Exam) में अपना पेपर देने सेंटर पर पहुंच गई. मैट्रिक एग्जाम (Bihar Metric Exam) में शामिल हो रही इस 22 वर्षीय मां की हर कोई तारीफ कर रहा है और उसे 'पावरफुल मां' बताते हुए सलाम ठोक रहा है.


बांका के चांदन ब्लॉक का है मामला


बांका जिले के चांदन ब्लॉक के एमकेजी उच्च विद्यालय में 22 वर्षीय रुक्मिणी कुमारी का बोर्ड एग्जाम सेंटर लगा हुआ है. रुक्मिणी गर्भवती थी और अपनी डिलीवरी के आखिरी दिनों में थी. इसके बावजूद बोर्ड एग्जाम में बैठकर मैट्रिक पास बनने का सपना पूरा करने के लिए उसका जज्बा कम नहीं हुआ. अपनी डिलीवरी से पहले दिन भी रुक्मिणी ने मंगलवार को गणित का एग्जाम दिया. इसके बाद मंगलवार रात में उसे प्रसव पीड़ा होने लगी. परिजन प्रसव पीड़ा शुरू होने पर उसे लेकर अस्पताल पहुंच गए. जहां पूरी रात दर्द से जूझने के बाद बुधवार सुबह 6 बजे उसने बेटे को जन्म दिया.


डॉक्टर से मांगी एग्जाम के लिए जाने की इजाजत



बुधवार सुबह 9 बजे से रुक्मिणी का विज्ञान का एग्जाम था, यदि वह इस एग्जाम में नहीं बैठती तो उसकी पूरे साल की मेहनत बेकार हो जाती. इस कारण उसने बच्चे की डिलीवरी के बाद डॉक्टर भोलानाथ से एग्जाम के लिए जाने की इजाजत मांगी. उसका जोश और जज्बा देखकर डॉक्टर भी बेहद प्रभावित हुए. उन्होंने एग्जाम सेंटर पर चिकित्सक की देखरेख में उसे एग्जाम देने की इजाजत दे दी. इसके बाद एंबुलेंस से उसे एग्जाम सेंटर पर पहुंचाया गया, जहां उसने अपना विज्ञान का एग्जाम दिया. डॉ. भोलानाथ के मुताबिक, रुक्मिणी को अपने पास होने का पूरा यकीन है. उसका यकीन और हौसला देखकर ही वह डिलीवरी के महज 3 घंटे बाद उसे एग्जाम देने के लिए जाने की इजाजत देने पर मजबूर हुए.


शादी के बावजूद रेगुलर स्टूडेंट के तौर पर कर रही पढ़ाई


रुक्मिणी को पढ़ाई का बेहद शौक है. उसकी पढ़ाई में उसके ससुराल वाले भी पूरी तरह सहयोग दे रहे हैं. वह शादी से पहले कटोरिया ब्लॉक के किसी स्कूल से रेगुलर स्टूडेंट के तौर पर पढ़ रही थी. उसकी शादी ब्लॉक की सिलजोरी पंचायत के गांव पैलवा में हुई. शादी के बाद भी उसके ससुराल वालों ने उसे रेगुलर स्टूडेंट के तौर पर पढ़ाई जारी रखने की अनुमति दी और अब डिलीवरी के बाद एग्जाम देने के उसके फैसले में भी साथ खड़े रहे. 


EmoticonEmoticon